शनिवार, 13 अगस्त 2016

श्री नगर घुमाई, कश्मीर यात्रा दूसरका दिन

रातीखान अइसन ओंघी लागल कि अगिला दिने उठत उठत साढ़े आठ बज गइल जबकि साढे आठ में ट्रेन धरे के प्रोग्राम रहे। अगिला ट्रेन साढ़े नव के रहे। हाली हाली तइयार भइनी। वसीम बो पहिलही नाश्ता तइयार क देहले रहली। नाश्ता की बाद वसीम हमके स्टेशन छोड़ देहले। दू दिन पहिले बरफ गिरल रहे एसे चारू ओर या त बरफ रहे ना त काँदो रहे।
स्टेशन कंपाउंड में बरफ गलला के पानी भरल रहे। टिकठ ले के सुरक्षा जाँच करावे गइनी त आर पी एफ वाला कैमरा से फोटो घिंचवा के देखुवे। कहे लगुवे की आतंकवदिया कुल कैमरवा की बैटरिया की जगहिया में आइ. ई. डी. (मने एगो बम) भर के ले जातारs सन। प्लेटफारम पर पहुँचवीं। चारू ओर बरफ से भरल पहाड़ रहुवे। रेलबे लईनियो में कहीं कहीं बरफ छितराइल रहुवे। दु चार गो फोटो घिंचवीं तले ट्रेन आ गउवे। पीछे की डब्बा में एगो जंगला तर के सीट ध लेहवीं।
ट्रेन आगे बढ़ुवे। हर स्टेशन पर सुरक्षा बेवस्था टाइट रहुवे। थोड़ देर में ट्रेन सेव की बगइचन से हो के निकलुवे।  ठंढी में सेव के पेड़ सभ पतई गिरा देलsसन एसे कवनो पेड़ पर एक्को पतई ना रहुवे। बगइचा एकदम उजाड़ समसान खान लागत रहुवsसन। कहीं कहीं बे पतई की पेड़ पर एक-आध गो सेव फरल लउत जात रहुवे ऊ अउर बाउर लागत रहुवे। बारामूला से श्रीनगर ले पाँच स्टेशन बा। एक सवा घंटा में हम श्रीनगर स्टेशन पर रहवीं।
स्टेशन से निकलते फेर सुनसान, एगो दोकान ले ना, दु गो चार स सात सवारी भरत रहवी सन। ओकनी से लाल चौक खातिर पुछवीं त माना क देहवी सन। टेम्पू आला लाल चौक के तीन स मांगत रहुवसन। इहे पूछत पाछत हम हाईवे पर ले आ गवीं। ओजी एगो कोना पर सेना के गाड़ी खड़ा रहुवे आ सैनिक डिप्टी पर एकदम मुस्तैद रहुवसन। खड़ा हो के अबे सोचत रहवीं का अब का करीं तले एगो टेंपू लगे आ के रुकुवे पुछुवे कहाँ जाएके बा। लाल चौक बतवला पर कहुवे कि सौ रूपिया लेब बाकिर रास्ता में सवारियो बइठाएब, हम सकार के बईठ गवीे। हाइवे छोड़ते रास्ता एकदम कीच काच वाला हो गउवे, ओपर से एतना ट्रैफिक कि का कहल जाव। टेम्पुवा आला अनासे तीन स ना मांगत रहुवsसन। आ दूरियो त लगभग दस कीलोमीटर बा। ओही चेंक पांक के पार करत आधा घंटा में लाल चौक पर उतार देहुवे।
चौक की बीच में एगो घंटाघर बा आ ओकरी चारूओर पार्क बा।एगो कोना में मंदिरो बा।  एजी ढेर सैनिक तैनात रहुवsसन। आ रहबो काहे ना करsसन, आखिर ई घाटी के सबसे बवाली जगहि हs। लेकिन ए बेरा एजी कवनो बवाल ना रहुवे। भारत की कवनो आम बजार खान चहल पहल रहुवे। मार जे रोड की किनारे कपड़ा, चादर, जूता, बेल्ट आ ईलेक्ट्रानिक समान बेचात रहुवे। एगो आदमी रोटी छोला के गोफा टाइप कुछू बना के बेंचत रहुवे। हमहूँ एगो ले के चिखवीं त निमने लगुवे। ओही के खात लाल चौक घूमे लगवीं।
घुमला की बाद डल झील जाए के बिचार बनुवे। गूगल मैप में देखवीं कि ओकरा खातिर हमरा डल गेट जाए के परी। ओजी से एगो सूमो टैक्सी मिल गउवे जवन दस रूपिया में डल गेट उतार देहुवे। अबे उतर के दसो डेग आगे ना बढ़वीं तले शिकारा वाला पीछे पर गउवे। हम मने क देहवीं बाकिर ऊ त पिछहीं पर गउवे। कहे लगुवे हई घुमा देब, हऊ घुमा देब, सोरह स सरकारी रेट ह, रउवा साते स दे देब। हम कहवीं हमरा झील में घूमहीं के नईखे बाकिर ओकरी मोलाई कइला की कला के माने के परी कि अंत में हमके चार स में मनाइए लेहुवे। शिकारा बहुत पातर आ हलुका होला जबकि अपनी इहाँ के नाय चाकर आ भारी होली सन जवना से ढेर संतुलित होली सन। चढ़त में शिकारा अइसन डगमगउवे कि पानी में लगभग गिरिये गवीं। मलाह शिकारा खेवत आगे बढुवे। हमके समझा देहुवे कि केहु से केसर- शिलाजीत भा दूसर समान मत कीनब। नकली देलsसन। हम रउवा के नीमन दोकान में ले चलब जहाँ असली समान मीलेला। हम मने मने कहवीं कि हम सभ बूझsतानी। ई चक्कर असली नकली के नईखे, कमीशन के बा। ना हमरा एजी से कीने के बा ना ओजी से कीने के बा। आगे बढला पर एगो आर्टीफिशियल गहना बचे वाला गहना कीने के कहे लगुवे। कहता कि कश्मीर की निशानी की तौर पर लेले जाईं। ओके टार के आगे बढ़वीं जा त केसर, कपड़ा, स्नैक्स, पकौड़ी बेंचे वाला भेंटउवसन। एगो फोटोग्राफरो अउवे बाकिर डीएसएलआर देख के वापस हो लेहुवे। एगो से ट्राउट मछरी के टिक्का लेहवीं बाकिर कवनो खास ना लगुवे जबकि ट्राउट के बड़ा तारीफ सुनले बानी। हमरा बुझाता ऊ हमके ट्राउट कहि के कुछु अउर धरा देहलस। एक जगहि कहवा पियवीे, उहो बेकारे रहुवे। एगो लीली गार्डेन परूवे बाकिर ओमें एगो लीली ना रहुवे। हम आइले गलत मौसम में रहवीें एसे भीड़ो ना रहुवे। सभसे मजेदार त हमरा हाउस बोटन के नाव लगुवे। एक से बढ के एक रहुवे। नमूना देखल जाव - दिलरुबा, आलमोस्ट हैवेन, अपोलो-11, न्यूजीलैंड, शिकागो, मिस अमेरिका, हॉलीवुड, अनारकली, होनोलूलू, कुतुबमिनार। आगे नेहरू पार्क रहे जवन एगो टापू पर बा। मलाह घूमेके कहुवे त हम मना क देहवीं। आगे बजार में पहुँचवीं जा। पानिये की उपर किसिम किसिम के दोकान रहुवे। कपड़ा-किताब से ले के किराना ले। अपना कमीशन वाला दोकान पर रोक देहुवे त हम मने क देहवीं की हमरा कुछू कीनेके नईखे। बेचारा मुँह बना के शिकारा आगे बढ़ा लेहुवे। ओकरी बाद घुमा फिरा के ले आ के उतार देहुवे।
ओजी से निकलला की बाद शंकराचार्य मंदिर जाए खातिर टेम्पूू करवीं। चेक पोस्ट पर सीआरपीएफ वाला टेम्पूवा में एगो साधू के बईठा का कहुवसन कि इहाँका मंदिर के पुजारी हवीं, इहाँ के उपरा के छोड़ दिहs लो। हमरा कवन परेशानी हो सकत रहुवे। टेम्पू पार्किंग में छोड़ के आगे बढवीं। कैमरा सीआरपीएफ वाला बहरे जमा करवा लेहुवसन। चीड़-देवदार की जंगल की बीचे बीचे ऊपर जाए खातिर सीढ़ी बनल बा। चढ़त चढ़त  हाँफ गवीे बाकिर मंदिर की लग से जवन सुन्दर श्रीनगर आ डल झील लउकत रहुवे कि सभ हाफा-डाफा भुला गउवे। परिक्रमा क के भगवान के दर्शन करवीं। नीचे आके एगो सूमो वाला से स्टेसन के पुछवीं त कहता कि अब ट्रेन कहाँ मिल पाई। घड़ी देखवीं त ऊ सहिये कहत रहुवे। ट्रेन में आधा घंटा रहुवे आ आधा घंटा में स्टेशन पहुँचला मान के ना रहुवे। सुमो धs के बटमालू बस स्टैंड पहुँचवीं आ ओजी से बारामूला के सूमो मिल गउवे आ डेढ़ घंटा में वसीम की घरे पहुँच गवीं। फर्स्ट क्लास खाना खवीं आ निनिया रानी की हवाले हो गवीं।
मित्र वसीम आ उनकर मलिकाइन

दुआरी पर छितराइल बरफ

बारामूला स्टेशन

सेव के बे पतई के बगइचा

बड़गाम स्टेशन

श्रीनगर स्टेशन

शिकारा में

झील में

शिकारा में कपड़ा के दोकान

हाउसबोट में सुन्दर लकड़ी के काम




रोड की किनारे लाइन से शिकारा


झील में स्थाई दोकान



किराना दोकान

झील में चाय-काफी

पहाड़ी से झील में हाउसबोट