शनिवार, 23 अप्रैल 2016

पोखरा घुमाई, नेपाल यात्रा : पाँचवाँ दिन

आगिला दिने सबेरे जल्दी उठ गइनी जा। भोर की मुन्हारे में फेवा ताल की तीरे बालकनी में बईठ के काफी पीये के अापन अलगे मजा रहे। ओकरी बाद ताल की तीरे टहले निकलनी जा। तनी मली टहलला की बाद एगो नाई वाला हमनी के नाई पर घूमे के बोलावे लागल। हमहूँ कहनी की एही लगले वाराही देवी के दर्शनो क लीहल जाव। वाराही देवी के मंदिर फेवा ताल की बीच में बा। ओजी नाई की अलावे अउरा कवनो साधन से पहुँचला मान के नईखे। अईसे त मंदिर की लगे वाला घाट से नाइ के नीमन बेवस्था बा आ किरSयो कम बा, बाकिर हमनी का ओ घाटवा से बहुत दूर रहनी जा एसे तनी ढेर पइसा देबे के परल।  मंदिर ले पहुँचे में लगभग घंटा भर लागल। मंदिर लगभग चार बिगहा की टापू पर बनल बा। जा के देवी के दर्शन करवीं जा। बाहरा निकलला पर एक ओर लोग मछरिन के आटा खियावत रहुए। ई देख के हमार बेटी खुश हो गउवे। उहो खूब खुश हो हो खियवलस। ओजी से निकल के वापस होटल के रास्ता धरवीं जा। रास्ता में एगो बेकरी पर रुकवीं जा आ एगो डेनिश पैस्ट्री नाम के आइटम लेहवीं जा जवन बड़ा नीमन लगुए। लेकिन अफसोस कि ओकरी बाद ऊ कहीं ना भेंटाइल।

होटल आ के तइयार हो के डेवी फाल खातिर निकलवीं जा। डेवी फाल पृथ्वी चौक से गोरखपुर वाला रास्ता पर लगभग चार कीलोमीटर पर बा। फेवा ताल से एगो नदी निकलेले जवन खुबे पातर जगहि में ऊँचा से गिरेले। एकरी सुंदरता के बड़ा नाम सुनले रहनी एसे देखे के बड़ा मन रहे। बाकिर जब देखनी त मन थोर हो गईल। मलिकाईन आ बेटी का बड़ा पसन परल। ई हमरा बाद में बुझाइल कि एके देखला के मजा मानसून में आवेला जब एमें पानी एतना हहरा के गिरेला कि ओकर हल्ला एक कीलोमीटर दूर ले सुनाला। बाहरा निकलेवाला गेट पर एगो गड़हा में लक्ष्मी जी के मूर्ति बा जवन पानी में डूबल बा आ ओकरी चारू ओर रेलिंग लागल बा। ओजी लीखल बा की कुछु भाख के पानी में सिक्का फेंकला पर अगर सिक्का मुर्ती वाला चउतरा पर रुक गईल त भाखल पुज जाई। पाता ना ई सही बा कि ना बाकिर दु तीन हाली प्रेक्टिस की बाद हम सिक्का आराम से अटका देहनी।
 ओजी से निकलला पर रोड की दुसरी ओर गुप्तेश्वर महादेव के मंदिर बा। गुफा में उतरनी जा। कइ महाला नीचे उतरला की बाद शंकर जी की मंदिर पहुँचनी जा। ओजी से एक महाला उतरला की बाद गुफा के रहस्य पता चलुवे। डेवी फाल से  जवन पानी नीचे गिरेला ऊ एहीजी से आपन रास्ता बनावत निकलेला। झरना की रास्ता से आवत अंजोर नीमन लागत रहुवे। अब शुरू भउवे वापसी, चढत में सभके सांस फूले लगुवे। बेटी के गोदी में उठवले काँखत कूँखत बाहरा अवीं जा।

ओजी से बेगनाश ताल निकलवींजा। बेगनास ताल आ रूपा ताल अगले बगल बा। पोखरा से काठमांडू वाला रोड पर दस कीलोमीटर पर ताल चौक बा। ओजी से उत्तर ओर घूम गइला पर तीन कीलोमीटर पर बेगनास ताल बा ओकरी बाद सटले रूपा ताल बा। रास्ता में एक जगहि खाए रुकवीं जा। ताल के ताजा मछरी रोटी की संगे खाए में मजा आ गउवे।

बेगनास पर ढेर भीड़ भाड़ ना रहुवे। नाय 400 नेपाली रूपिया में दू घंटा खातिर मिल गउवे। सुंदरता जबरजस्त रहुवे, घाम भइल रहुवे, चारू ओर हरिहर जंगल आ ऊँच ऊँच पहाड़। चटक नीला आसमान में उजर उजर बादर छितराईल गजबे लागत रहुवे। दू घंटा पते ना चलल कब बीत गईल। लास्ट में देखवीं कुछ लोग जंगल में बईठ के बंसी लगा के मछरी मारत रहुवे। हमरो मारे के मन क देहुवे। सोचवीं तीरे की लगे वाला बजार से जोगाड़ कीन के आएब आ लगा के घंटा भर मारेब बाकिर भगवान का ई मंजूर ना रहे। तीरे उतरते बरखा चालू हो गउवे। भाग के गाड़ी में बइठे का परुवे। फेर रूपा ताल जाएके मन ना भउवे।

तीरे पर एगो जोगाड़ देखवीं जवन देख के बनावे वाला के सलाम ठोके के मन करुवे। एगो झुलुहा वाला चर्खी रहुवे जवना में ट्रांसमिशन खातिर गेयर की जगहि पर तीन गो पुरान गाड़ी के चक्का लागल रहुवे। आ ऊ बहुत बढ़िया काम करत रहुवे।

वापस आके खाना खवीं जा आ बिछवना में ढुक गवीं जा।
बिहाने बिहाने फेवा ताल की तीरे
वाराही देवी मंदिर
बिहाने के फेवा ताल
माई बेटी फेवा ताल में
डेवी फाल
भाखे वाला इनार

गुप्तेश्वर महादेव के सबसे नीचे वाला गुफा

चढ़त में थाकल बबुनी

बेगनास ताल में बबुनी के रो रो करावत

माई बेटी बेगनास ताल में

तीरे के जंगल

यू ब्यूटी

गेयर की जगहि चक्का के जोगाड़